एक दुर्घटना पर निबंध | Essay on an Accident | Hindi (2024)

एक दुर्घटना पर निबंध! Here is an essay on an ‘Accident’ in Hindi language.

हमें प्रतिदिन दुर्घटनाओं की खबरें समाचार-पत्रों में पढ़ने को मिलती हैं । टेलीविजन पर भी हर रोज किसी-न-किसी दुर्घटना की खबर देखने को मिल ही जाती है । वैज्ञानिक प्रगति के साथ ही मनुष्य के जीवन में भागदौड़ की अधिकता हो गई है ।

इसके कारण जल्दीबाजी में वह अक्सर लापरवाही बरतने लगता है । इसी लापरवाही के कारण दुर्घटना घटती है । कहा भी जाता है- ‘सावधानी हटी दुर्घटना घटी ।’ कभी-कमी आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों एवं आतंकवादी संगठनों द्वारा भी बम-विस्फोट जैसी दुर्घटनाओं को जान-बूझकर अंजाम दिया जाता है ।

दुर्घटना जैसी भी हो, कष्टदायक एवं क्षतिकारक होती है । इसलिए हर कोई इससे बचना चाहता है, लेकिन न चाहते हुए भी हमें कभी-कभी दुर्घटना का सामना करना ही पड़ता है । एक बार दिल्ली में मैं भी दुर्घटना ग्रस्त होने से बाल-बाल बचा, किन्तु उस समय पहली बार मैंने किसी दुर्घटना को नजदीक से देखा था ।

ADVERTIsem*nTS:

वह फरवरी माह का दूसरा शनिवार था । सुबह के करीब नौ बज रहे थे मैं बस से अपने ऑफिस जा रहा था । बस ने जैसे ही धौलाकुआँ के पुल को पार किया, अचानक एक बाइक बस के सामने आ गई । बस ड्राइवर ने भरपूर शक्ति के साथ ब्रेक पर पाँव जमा दिए ।

अचानक लगे इस ब्रेक से बस के अधिकतर यात्री मानो अपनी सीट से उछल पड़े । जो यात्री खड़े थे, उनमें से कई नीचे गिरते-गिरते बचे । मेरा सिर सामने की सीट से टकराते-टकराते बचा था । सौभाग्यवश किसी को गहरी चोट नहीं आई ।

बस के रुकने के बाद पता चला कि बस से बाइक बुरी तरह टकरा गई थी । बस का तो एक कोना क्षतिग्रस्त हुआ था, किन्तु इस टक्कर से बाइक चूर-चूर हो गई थी । बाइक पर दो युवक सवार थे । बे दोनों छिटक कर काफी दूर जा गिरे थे ।

कुछ बस यात्री उतरकर उनकी ओर दौड़े । वे दोनों बुरी तरह घायल थे । लोग उन्हें अस्पताल ले जाने की बात करने लगे । टक्कर से हुई क्षति से बस आगे जाने लायक नहीं रह गई थी ।

ADVERTIsem*nTS:

इसलिए बस यात्री दूसरी बसों में सवार होकर अपने-अपने गन्तव्य को चले गए । कोई भी घायलों को अस्पताल ले जाने को तैयार नहीं हो रहा था । उस समय मुझे अहसास हुआ कि दुनिया कितनी स्वार्थी हो गई है ।

यहाँ दो लोगों की जान पर आ पड़ी है और सबको समय पर ऑफिस जाने की चिन्ता सता रही है ! कुछ लोग तो पुलिस के पचड़े में पड़ने के डर से उन दोनों घायलों के समीप भी नहीं गए । उन दोनों को काफी चोट आई थी । उनके शरीर से खून निकल रहा था ।

एक की हालत तो कुछ ठीक भी थी, लेकिन दूसरा बिलकुल बेहोश था । जिसकी हालत थोड़ी ठीक थी बह थोड़ा चल-फिर सकता था । उसने अपने घरवालों को फोन पर इस दुर्घटना की सूचना दी । उसका घर गुड़गाँव में था ।

जब तक उसके घरवाले आते, तब तक कुछ भी हो सकता था । उनके घरवालों के आने से पहले जितनी जल्दी हो सके उन्हें अस्पताल पहुँचाना जरूरी था । मैंने पास खड़े एक व्यक्ति को साथ देने के लिए कहा । वह तैयार हो गया ।

ADVERTIsem*nTS:

सबसे पहले मैंने एम्बुलेंस बुलाने के लिए सफदरजंग ट्रॉमा सेण्टर फोन किया तथा पुलिस को भी सूचित कर दिया । दस मिनट के भीतर ही एम्बुलेंस आ गई । धौलाकुआँ से सफदरजंग ट्रॉमा सेण्टर पहुँचने में हमें मुश्किल से पन्द्रह मिनट लगे ।

दोनों को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया । इसके बाद वहाँ पुलिस भी आ गई । मैंने पुलिस को विस्तार से घटना के बारे में बताया । अस्पताल में मैं करीब दो घण्टे तक रहा । इसके बाद दोनों घायल युवकों के घरवाले वहाँ आ गए ।

उनमें से एक ने उनकी बाइक के बारे में मुझसे पूछा । मुझे उनके इस सवाल पर आश्चर्य हुआ । उनका परिजन यहाँ जिन्दगी और मौत से जूझ रहा है और उनको अपनी बाइक की पड़ी है । पुलिस ने सूचना दी कि बाइक धौलाकुआँ थाना पहुँच चुकी है ।

कुछ आवश्यक कार्रवाई के बाद बह उन्हें सौंप दी जाएगी । मैं वहाँ से चलने ही वाला था कि नर्स ने हम सबको बताया कि दोनों युवकों की हालत अब ठीक है और उनमें से एक जो बेहोश था, उसको भी होश आ गया है । दोनों के सही-सलामत होने की खबर सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा ।

मैंने जब नर्स से पूछा कि दोनों कब तक बिलकुल ठीक हो जाएंगे, तो उसने बताया कि बे दोनों एक महीने के भीतर बिलकुल स्वस्थ हो जाएंगे । इतना जानने के बाद मैं बही से चलने को तैयार हो गया ।

तभी दोनों युवकों के अभिभावकों को मेरे और मेरे साथ आए व्यक्ति के बारे में पता चला कि हमने ही उनके परिजनों को अस्पताल पहुँचाने में मदद की थी । वे हमारे पास आए और उन्होंने हमारा आभार मानते हुए हमें आशीर्वाद दिया । मैंने सिर्फ इतना ही कहा कि यह तो मेरा फर्ज था ।

इसके बाद मैं ऑफिस के लिए चल पड़ा । ऑफिस आते हुए मैं यही सोच रहा था कि मानव जितनी तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है, उतनी ही तेजी से उसमें मानवीय गुणों का ह्रास भी होता जा रहा है । मानवता के बिना जीवन का क्या मूल्य रह जाएगा ?

लोगों को कब यह बात समझ आएगी ? कोई पुलिस के डर से किसी की मदद करने के लिए तैयार नहीं होता, तो किसी के पास काम में व्यस्त होने का बहाना होता है । यदि हमारे आस-पास के लोग दुखी हैं, तो हमें जीवन में कैसे आनन्द प्राप्त हो सकता है ।

लोग भौतिकवादी होते जा रहे हैं यह तो मुझे पता था, लेकिन भौतिकवादी होने के साथ-साथ अत्यन्त स्वार्थी भी होते जा रहे हैं, इसकी खबर मुझे नहीं थी । इस दुर्घटना ने मुझे मानव का असली चेहरा दिखा दिया । यदि ऑफिस देर से पहुँचने का कारण किसी व्यक्ति की जान बचाना रहे, तो ऐसी देरी में क्या बुराई है ।

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एक दुर्घटना पर निबंध | Essay on an Accident | Hindi (2024)

FAQs

दुर्घटना क्या है और दुर्घटना के कारण क्या है? ›

दुर्घटना का अर्थ है अचानक लगने वाली चोट जिसकी पहले से कोई आशंका नहीं होती। इस लिए हत्या की कोशिश, आत्महत्या, चोटें, सड़क पर होने वाली दुर्घटनाएं और सांप का काटना आदि दुर्घटनाओं के ही रूप हैं। भारत में होने वाली मौतों में से १० प्रतिशत दुर्घटनाओं के कारण होती हैं।

11 सड़क दुर्घटना का प्रमुख कारण क्या है? ›

यातायात नियमों का उल्लंघन

आँकड़ों के मुताबिक, देश भर में होने वाली कुल सड़क दुर्घटनाओं में से 76 प्रतिशत दुर्घटनाएँ ओवर स्पीडिंग और गलत साइड पर गाड़ी चलाने जैसे यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण होती हैं। स्पष्ट है कि जब तक इन घटनाओं को नहीं रोका जाएगा तब तक देश में सड़क दुर्घटनाओं को कम करना संभव नहीं होगा।

दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण क्या है? ›

वैसे देखा जाए तो सड़क दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण वाहन की बहुत तेज गति को माना जा रहा है। ज्यादातर दुर्घटनाओं में देखा गया है कि वाहन बहुत ही तेज गति से चलाया जा रहा था और अनियंत्रित हो गया जिस कारण दुर्घटना घटी।

हम खुद को दुर्घटना से कैसे बचा सकते हैं? ›

यातायात व्यवस्था का सम्मान करके सुरक्षित रहें। २ सड़क चौड़ी और उन पर मार्ग विभाजक बना कर और सड़क के किनारों पर चहलकदमी अवरोधक बना कर। ३ अपने वाहन की उचित देखरेख तेल पानी ब्रेक की और सुरक्षा प्रणाली की जांच करें। ४ अतितीव्र गति से वाहन ना चलाए।

दुर्घटना क्या है और दुर्घटनाओं के कारण क्या है? ›

दुर्घटना एक दुर्भाग्यपूर्ण, अप्रत्याशित और अनियोजित घटना या परिस्थिति है, जिसके परिणामस्वरूप आमतौर पर प्रतिकूल परिणाम होता है, जो अक्सर लापरवाही या अज्ञानता का परिणाम होता है। इन परिभाषाओं में कुछ प्रमुख शब्द हैं: अनियोजित; अप्रत्याशित; दुर्भाग्यपूर्ण; प्रतिकूल और, सबसे महत्वपूर्ण, संभावित!

जीवन में दुर्घटनाएं क्यों होती हैं? ›

मानवीय त्रुटि तब हो सकती है जब लोग गैर-जिम्मेदाराना तरीके से काम करते हैं। मानवीय त्रुटि के चार मुख्य प्रकार हैं। वे हैं: ज्ञान की कमी : यह दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है क्योंकि कार्यकर्ता को उस मशीन या सामग्री के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं हो सकती है जिसके साथ वे काम करते हैं।

मनुष्य के कारण कितने दुर्घटनाएं होती हैं? ›

राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन (एनएचटीएसए) के एक अध्ययन के अनुसार, अनुमानतः 94% मोटर वाहन दुर्घटनाएं चालक की गलती के कारण होती हैं।

घातक दुर्घटनाओं का सबसे आम कारण क्या है? ›

तेज़ गति से गाड़ी चलाना। ऐसा लगता है कि हर कोई जल्दी में है, लेकिन परिस्थितियों के हिसाब से बहुत तेज़ गाड़ी चलाना या निर्धारित गति सीमा से ज़्यादा तेज़ गाड़ी चलाना स्पष्ट रूप से ऑटो दुर्घटनाओं और दुर्घटना में होने वाली मौतों में योगदान देता है। NHTSA के अनुसार, यातायात दुर्घटनाओं और मौतों का मुख्य कारण सड़क की परिस्थितियों के हिसाब से बहुत तेज़ गाड़ी चलाना है।

सड़क दुर्घटना से बचने के लिए क्या क्या उपाय है? ›

साइकिल/मोटरसाइकिल/वाहन चलाने से पहले हमेशा हेलमेट, सीट बेल्ट और अन्य सुरक्षा उपकरण पहनें। हमेशा याद रखें कि "सुरक्षा ही बचाती है"। नशे की हालत में वाहन न चलाएं। हमेशा याद रखें कि " आप दो खूंटियों के बाद पेन को ठीक से नहीं पकड़ सकते, ड्राइविंग व्हील के बारे में क्या?"

भारत में दुर्घटना नियम क्या है? ›

मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 161, हिट-एंड-रन दुर्घटनाओं के पीड़ितों के लिए मुआवजा प्रदान करती है। मृत्यु के लिए मुआवज़ा ₹2 लाख है और गंभीर चोट के लिए यह ₹50,000 है। बीएनएस की धारा 106 (2) के विपरीत, इस मामले में मुआवजा ड्राइवरों से वसूल नहीं किया जा सकता है।

दुर्घटना से बचने का सबसे अच्छा तरीका कौन सा है? ›

इस लेख में दुर्घटना से बचने के लिए मूल बातों पर ध्यान दिया गया है, जो इस प्रकार है:
  • 1) नींद में गाड़ी ना चलाएं ...
  • 2) गति पर हो नियंत्रण ...
  • 3) लाइट्स का रखें ध्यान ...
  • 4) टायर का रखें ख़्याल ...
  • 5) ब्रेक्स सही से काम कर रहे हैं या नहीं? ...
  • 6) नशे में ड्राइविंग ना करें ...
  • 7) मोबाइल का ज़्यादा इस्तेमाल ना करें ...
  • 8) टेक ओवर करते समय सतर्क रहें
May 12, 2023

सड़क दुर्घटना कैसे होता है? ›

सड़क प्रयोक्ताओं में वाहन, वाहन चालक, साइकिल यात्री, पैदल यात्री तथा अन्य सभी प्रकार के व्यापारिक वाहनों में यात्रा कर रहे यात्री सम्मिलित हैं। इनके द्वारा यातायात नियमों का पालन न करना, दृष्टि-दोष, पीकर वाहन चलाना, अनियंत्रित वाहन गति होना, बालकों एवं किशोरों के द्वारा वाहन चालन आदि मार्ग दुर्घटनाओं के कारण हैं

दुर्घटना से बचने के लिए क्या करना चाहिए? ›

सड़क दुर्घटना से बचाव के पाँच उपाय निम्न हैं –

सड़क पर अपने बाईं तरफ चलना चाहिए। सड़क पार करते समय ट्रैफिक की आवाज पर ध्यान देना चाहिए। फुटपाथ का प्रयोग करना चाहिए। ट्रैफिक नहीं आने पर जल्दी से सड़क पार करनी चाहिए

हमें दुर्घटनाओं को क्यों रोकना चाहिए? ›

जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा करें .

वास्तव में, हमारा मानना ​​है कि दुर्घटनाओं और व्यावसायिक चोटों या बीमारियों की भविष्यवाणी करने के लिए सावधानी बरतने में विफल रहने से प्रबंधन उन दुर्घटनाओं के लिए नैतिक रूप से जिम्मेदार हो जाता है। यदि कोई संभावित समस्या या खतरा मौजूद है, और दुर्घटना को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो इसका परिणाम आप पर पड़ेगा।

दुर्घटना से खुद को कैसे बचाएं? ›

दुर्घटनाओं से बचने के महत्वपूर्ण तरीके

विभिन्न सड़कों पर निर्धारित गति सीमा में वाहन चलाएं। हमेशा याद रखें कि "गति रोमांच तो देती है, लेकिन जानलेवा भी होती है"। साइकिल/मोटरसाइकिल/वाहन चलाने से पहले हमेशा हेलमेट, सीट बेल्ट और अन्य सुरक्षा उपकरण पहनें।

दुर्घटना का अर्थ क्या है? ›

एक अवांछनीय या दुर्भाग्यपूर्ण घटना जो अनजाने में घटित होती है और जिसके परिणामस्वरूप आमतौर पर हानि, चोट, क्षति या हानि होती है ; दुर्घटना; दुर्घटना: मोटर वाहन दुर्घटना।

दुर्घटना से आप क्या समझते हैं? ›

दुर्घटना एक ऐसी घटना है जो अनजाने में घटित होती है, जिसके परिणामस्वरूप क्षति, चोट या हानि होती है। घटना वह घटना है जो अनजाने में घटित हुई है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप क्षति, क्षति या चोट नहीं हो सकती है। इसलिए, हर दुर्घटना एक घटना हो सकती है। हालाँकि सभी घटनाओं को दुर्घटना नहीं कहा जा सकता।

दुर्घटना कितने प्रकार की होती है? ›

दुर्घटनाओं को आमने-सामने की टक्कर, पीछे से टक्कर या साइड-इम्पैक्ट दुर्घटनाओं के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। आमने-सामने की टक्कर अक्सर तब होती है जब कोई व्यक्ति एकतरफा सड़क या निकास रैंप पर गलत दिशा में यात्रा करता है, या जब वे राजमार्ग पर मध्य रेखा को पार करते हैं।

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